दया क्यों अब प्रभु करते नहीं,
क्या हो गया,
मेरे दुखड़ों को तुम हरते नहीं,
क्या हो गया,
दया क्यूँ अब प्रभु करते नही,
क्या हो गया।bd।
तर्ज – ये दिल तुम बिन।
दया करना तेरा पेशा,
बताता है जहाँ सारा,
हमें ठुकराओ ना स्वामी,
तेरे दर का मैं बंजारा,
छवि भोली सुनी तेरी,
दिखा दे रूप तू प्यारा,
नज़र अपनी इधर करते नहीं,
क्या हो गया,
मेरे दुखड़ों को तुम हरते नहीं,
क्या हो गया,
दया क्यूँ अब प्रभु करते नही,
क्या हो गया।bd।
बनाई बात नरसी की,
सुना आंसू बहाने से,
किया भव पार गणिका को,
फकत ठोकर लगाने से,
सुदामा की सुनी विनती,
महज तंदुल के खाने से,
मेरी झोली को क्यों भरते नहीं,
क्या हो गया,
मेरे दुखड़ों को तुम हरते नहीं,
क्या हो गया,
दया क्यूँ अब प्रभु करते नही,
क्या हो गया।bd।
लगाया ढेर साड़ी का,
पुकारी द्रोपदी तुमको,
हमारी बारी आई तो,
भला क्या हो गया तुमको,
दिखा दे आज तू जलवा,
जरा सा आज तो हमको,
मेरी हिम्मत का दम भरते नहीं,
क्या हो गया,
मेरे दुखड़ों को तुम हरते नहीं,
क्या हो गया,
दया क्यूँ अब प्रभु करते नही,
क्या हो गया।bd।
दीवाने है तेरे हम तुमसे,
अपना मुँह ना मोड़ेंगे,
हमें विश्वास है तेरा,
हमारा दिल ना तोड़ेंगे,
अगर कुछ हो गया हमको,
तो दम चौखट पे छोड़ेंगे,
विनय क्यूँ श्याम अब सुनते नहीं,
क्या हो गया,
मेरे दुखड़ों को तुम हरते नहीं,
क्या हो गया,
दया क्यूँ अब प्रभु करते नही,
क्या हो गया।bd।
दया क्यों अब प्रभु करते नहीं,
क्या हो गया,
मेरे दुखड़ों को तुम हरते नहीं,
क्या हो गया,
दया क्यूँ अब प्रभु करते नही,
क्या हो गया।bd।
स्वर – मुकेश बागड़ा जी।