सरवर किनारे ओ बाईसा,
केसर मन भावे,
स्वर्गा सु धाम है प्यारो,
सोभा दर्शन री भारी,
केसर मन भावे।।
जनम सुधारे वो आवरा,
बिगड़ी बनावे,
अरे दुखिया रा दुखड़ा टाले,
पन माही हेला आवे,
सरवर कीनारें ओ बाईसा,
केसर मन भावे।।
सुख री मा पाला बांदे,
आनंद करावे,
आवे आंसू ढलकाता,
जावे हसता मुस्काता,
सरवर कीनारें ओ बाईसा,
केसर मन भावे।।
अरे रखवाली जामण मोटी,
आस पुरावे,
अरे देवे गोदया मे बालू,
पगल्या ने पगा चलावे,
सरवर कीनारें ओ बाईसा,
केसर मन भावे।।
अरे बावन भेरुडा बजरंग,
चोसट जोगनिया,
ज्योता धरम री जागे,
ढोला रा धमका गाजे,
सरवर कीनारें ओ बाईसा,
केसर मन भावे।।
हलकारे दौड़ी आवे,
हिवड़े लपावे,
राके छतर री छाया,
कर देवे होरी काया,
सरवर कीनारें ओ बाईसा,
केसर मन भावे।।
सिंग असवारी वो आवरा,
हड़का बलकारी,
अरे महिमा नरेश गावे,
जुग जुग सुरेश ध्यावे,
सरवर कीनारें ओ बाईसा,
केसर मन भावे।।
सरवर किनारे ओ बाईसा,
केसर मन भावे,
स्वर्गा सु धाम है प्यारो,
सोभा दर्शन री भारी,
केसर मन भावे।।
गायक – नरेश जी प्रजापत।
प्रेषक – शंभू कुमावत दौलतपुरा।
9981101560