ऊंचा निचा धोरिया,
म्हारा जम्भ गुरु,
समराथल रा स्वामी ओ,
लोहट घर अवतार लियो,
माता हंसा नें गोद खिलाया ओ,
कुंकुम पगल्या माडिया।।
गुरूजी बागड़ देश मनड़े भाया वो,
ऊंचा निचा धोरिया,
थारे फोग कंकेड़ी रा बाग बगीचा ओ,
मिठा बोले मोरिया।।
गुरूजी हरि कंकैड़ी आसन बैठा वो,
ठंडा चाले बायरा,
थारे ग्वाल बाल संग साथी ओ,
बछड़ा खेले गायां रा।।
ओ म्हाने समराथल री,
भुमि प्यारी लागे ओ,
विश्नोई पंथ चलाविया,
गुरूजी नेम धर्म बतलाया ओ,
अमृत पाहल पिलाविया।।
गुरुजी चार युगा रा कहिजो दाता ओ,
भगतां रा कारज सारिया,
थारो विष्णु भगत गुण गावै ओ,
भव से म्हाने तारिया।।
म्हारा जम्भ गुरु,
समराथल रा स्वामी ओ,
लोहट घर अवतार लियो,
माता हंसा नें गोद खिलाया ओ,
कुंकुम पगल्या माडिया।।
Singer – Vishnu Marwadi
9636010641