हिन्दो घलई दूँ सत्संग बाग में ओ गुरूजी भजन लिरिक्स
हिन्दो घलई दूँ सत्संग बाग में, ओ गुरूजी। दोहा – गुरु बीणजारा ग्यान रा, ने लाया वस्तु अमोल, सौदागर साचा […]
हिन्दो घलई दूँ सत्संग बाग में, ओ गुरूजी। दोहा – गुरु बीणजारा ग्यान रा, ने लाया वस्तु अमोल, सौदागर साचा […]
संगत कीजै निर्मल, साध री मारी हैली, आवागमन मिट जाये, थारो जन्म मरण मिट जाये।। चन्दन उगो रे, हरिया बाग […]