दर्शन दो घनश्याम नाथ मोरी अँखियाँ प्यासी रे लिरिक्स
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मोरी अँखियाँ प्यासी रे, मन मंदिर की ज्योत जगा दो, घट घट वासी रे, दर्शन दों […]
दर्शन दो घनश्याम नाथ, मोरी अँखियाँ प्यासी रे, मन मंदिर की ज्योत जगा दो, घट घट वासी रे, दर्शन दों […]