कोई तीरथ मेरे मन को भाता नहीं खाटू श्याम भजन लिरिक्स
कोई तीरथ मेरे मन को भाता नहीं, खाटू वाले का जबसे ये दर मिल गया, क्यों मैं भटकूं जहाँ में इधर और उधर, …
कोई तीरथ मेरे मन को भाता नहीं, खाटू वाले का जबसे ये दर मिल गया, क्यों मैं भटकूं जहाँ में इधर और उधर, …