ग्यारस चांदण की आई भगता मिल ज्योत जगाई भजन लिरिक्स
ग्यारस चांदण की आई, भगता मिल ज्योत जगाई, झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे, ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे, मन में हरियाली छाई, भगता …
ग्यारस चांदण की आई, भगता मिल ज्योत जगाई, झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे, ओ बाबा झांझ मज़ीरा बाजे आंगणे, मन में हरियाली छाई, भगता …