विविध भजन बैठी रही हवेली के खोल के किवाड़ भजन लिरिक्स Posted on 07/02/2021 | by Shekhar Mourya बैठी रही हवेली के, खोल के किवाड़। दोहा – जो मैं ऐसी जानती, प्रीत करे दुख होय, नगर ढिंढोरा पिटती, […]