कोई ऐसी खोल नहीं है जिसमें तू छुप पायेगा भजन लिरिक्स
कोई ऐसी खोल नहीं है, जिसमें तू छुप पायेगा। दोहा – शीश ढको तो पाँव खुले रे, पाँव ढको तो शीश, अजब चदरिया …
कोई ऐसी खोल नहीं है, जिसमें तू छुप पायेगा। दोहा – शीश ढको तो पाँव खुले रे, पाँव ढको तो शीश, अजब चदरिया …