छुपे बैठे हो कण कण मे भला मे केसे पहचानु भजन लिरिक्स
छुपे बैठे हो कण कण मे, भला मैं कैसे पहचानु, दुई का दूर कर पर्दा, सामने आओ तो जानु।। तर्ज – जगत के …
छुपे बैठे हो कण कण मे, भला मैं कैसे पहचानु, दुई का दूर कर पर्दा, सामने आओ तो जानु।। तर्ज – जगत के …