हंस चल्यो घर आपणे रोवो मती भाई भजन लिरिक्स
हंस चल्यो घर आपणे, रोवो मती भाई। दोहा – आया है जो जायेगें, राजा रंक फकीर, एक सिंघासन चढ़ चले, एक बन्ध्या जाय …
हंस चल्यो घर आपणे, रोवो मती भाई। दोहा – आया है जो जायेगें, राजा रंक फकीर, एक सिंघासन चढ़ चले, एक बन्ध्या जाय …