सन्मुख परचा देवे घनेरा मन रा काज सरिजे मेलो रणुजे भरीजे

सन्मुख परचा देवे घनेरा मन रा काज सरिजे मेलो रणुजे भरीजे

सन्मुख परचा देवे घनेरा, सनमुख परचा देवे घनेरा, मन रा काज सरिजे, भादरवे मेलो रणुजे भरीजे ए हा।। अरे सोवनी द्वारका सु, कृष्ण …

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