सदा सुख चावे तो नर काम छोड़ दें चार लिरिक्स

सदा सुख चावे तो नर काम छोड़ दें चार लिरिक्स

सदा सुख चावे तो, नर काम छोड़ दें चार, चोरी चुगली जामिनी, और पराई नार।। चोरी करी रावण अभिमानी, सियाराम की हर ली …

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