सीताराम दरश रस बरसें जेसे सावन की झड़ी भजन लिरिक्स
सीताराम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी।। श्लोक – चहुं दिशि बरसें राम रस, छायों हरस अपार, राजा रानी […]
सीताराम दरश रस बरसें, जैसे सावन की झड़ी।। श्लोक – चहुं दिशि बरसें राम रस, छायों हरस अपार, राजा रानी […]