कभी माखन चुरा लिया कभी पर्वत उठा लिया भजन लिरिक्स

कभी माखन चुरा लिया कभी पर्वत उठा लिया भजन लिरिक्स

कभी माखन चुरा लिया, कभी पर्वत उठा लिया, ओ लल्ला रे, ये क्या गजब किया, मेरे कान्हा, मुझको डरा दिया॥॥ तर्ज-कभी बंधन जुड़ा …

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