ब्रज गलियों में झूम झुम के मन की तपन बुझाओ

ब्रज गलियों में झूम झुम के मन की तपन बुझाओ

ब्रज गलियों में झूम झुम के, मन की तपन बुझाओ, राधे राधे गाओ, राधे राधे गाओ, मन श्यामा श्यामा गाओ।। तर्ज – ऐसी मस्ती …

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