मझधार में कश्ती है और राह अनजानी है भजन लिरिक्स

मझधार में कश्ती है और राह अनजानी है भजन लिरिक्स

मझधार में कश्ती है, और राह अनजानी है, सुन बांके मुरली वाले, मेरी नाव पुरानी है, मझधार मे कश्ती है, और राह अनजानी …

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