बिन हरि नाम गुजारा नहीं रे बावरे मन किनारा नहीं लिरिक्स

बिन हरि नाम गुजारा नहीं रे बावरे मन किनारा नहीं लिरिक्स

बिन हरि नाम गुजारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं, रे बावरे मन किनारा नहीं।। तर्ज – ज्योत से ज्योत। नाव पुरानी चंचल …

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