कैसी मुरलीया बजाई रे छलिया मन मोहना भजन लिरिक्स
कैसी मुरलीया बजाई रे, छलिया मनमोहना, मै तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।। तर्ज – पंख होते तो उड़ आती […]
कैसी मुरलीया बजाई रे, छलिया मनमोहना, मै तो दौड़ी दौड़ी चली आई रे।। तर्ज – पंख होते तो उड़ आती […]
उड़ गई रे नींदिया मेरी, बंसी श्याम ने बजाई रे, खो गया चेन मेरा, सारी रात सो ना पाई, उड़ […]