बाला या कांई थार जचगी पुंछ को फटकारो लंका जलगी
बाला या कांई थार जचगी, पुंछ को फटकारो माऱयो, लंका जलगी।। श्रीराम को ले संदेशो हनुमत लंका जाव, सो योजन समुन्दर न पल …
बाला या कांई थार जचगी, पुंछ को फटकारो माऱयो, लंका जलगी।। श्रीराम को ले संदेशो हनुमत लंका जाव, सो योजन समुन्दर न पल …