दिलदार कन्हैया ने मुझको अपनाया है संजय मित्तल भजन
दिलदार कन्हैया ने, मुझको अपनाया है, रस्ते से उठा करके, सीने से लगाया है।। तर्ज – बचपन की मोहब्बत को। ना कर्म ही …
दिलदार कन्हैया ने, मुझको अपनाया है, रस्ते से उठा करके, सीने से लगाया है।। तर्ज – बचपन की मोहब्बत को। ना कर्म ही …