दरबार में आकर बाबा के हम दर्द सुनाना भूल गए
दरबार में आकर बाबा के, हम दर्द सुनाना भूल गए, देखे जो हजारो दीन दुखी, हम अपना फ़साना भूल गए।। तर्ज – तेरे …
दरबार में आकर बाबा के, हम दर्द सुनाना भूल गए, देखे जो हजारो दीन दुखी, हम अपना फ़साना भूल गए।। तर्ज – तेरे …