म्हारा श्याम बहादुर जी थे कैयां पट खुलवाया लिरिक्स
म्हारा श्याम बहादुर जी, थे कैयां पट खुलवाया।। तर्ज – मेरी बीच भंवर में है। तर्ज – छोड़ गए बालम। सेवक से मांगी …
म्हारा श्याम बहादुर जी, थे कैयां पट खुलवाया।। तर्ज – मेरी बीच भंवर में है। तर्ज – छोड़ गए बालम। सेवक से मांगी …