थारी मेलोड़ी चादर धोय समझ मन मायला रे 22/11/2018 by Shekhar Mourya थारी मेलोड़ी चादर धोय, दोहा – मन लोभी मन लालची, मन चंचल मन चोर, मन के मते नही चालिये, पलक पलक मन ओर। … पूरा भजन देखें