मैं मोहनी मुरलिया मुकुट और मुरली का झगड़ा
मैं मोहनी मुरलिया, थामे रखता साँवरिया, श्याम के अधरो पे सजती हूँ, श्याम के संग मैं तो कब की हूँ, तू काहे को …
मैं मोहनी मुरलिया, थामे रखता साँवरिया, श्याम के अधरो पे सजती हूँ, श्याम के संग मैं तो कब की हूँ, तू काहे को …