तन में मन में रोम रोम में रहते है श्री राम जी भजन लिरिक्स
तन में मन में रोम रोम में, दोहा – पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरत रूप, राम लखन सीता सहित, ह्रदय बसहुँ सुर …
तन में मन में रोम रोम में, दोहा – पवन तनय संकट हरण, मंगल मूरत रूप, राम लखन सीता सहित, ह्रदय बसहुँ सुर …