जंगल विच भैरुनाथ थारो कुण कर गयो श्रृंगार लिरिक्स
जंगल विच भैरुनाथ, थारो कुण कर गयो श्रृंगार, कुण थारे काजल लगायो, कूण लायो प्रसाद, थारे माली पाना चम-चम चमके, थारी जय हो …
जंगल विच भैरुनाथ, थारो कुण कर गयो श्रृंगार, कुण थारे काजल लगायो, कूण लायो प्रसाद, थारे माली पाना चम-चम चमके, थारी जय हो …