मन प्राण बुद्धि हो प्रबल चित्त विमल कर दे शारदे
मन प्राण बुद्धि हो प्रबल, चित्त विमल कर दे शारदे, उठे मन में उद्रेक सात्विक, उद्दात भाव का सार दे।। हे ज्ञानेश्वरी हे …
मन प्राण बुद्धि हो प्रबल, चित्त विमल कर दे शारदे, उठे मन में उद्रेक सात्विक, उद्दात भाव का सार दे।। हे ज्ञानेश्वरी हे …