चार खुट में फिरो भल्याई दिल का भेद नहीं देणा रे

चार खुट में फिरो भल्याई दिल का भेद नहीं देणा रे

चार खुट में फिरो भल्याई, दिल का भेद नहीं देणा रे। दोहा – सतगुरु दिख्या आवता, दि जाजम बिछवाई, फुला कि बरखा हुईं, …

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