जोगी भेष धरकर नंदी पे चढ़कर शिवरात्रि भजन लिरिक्स
जोगी भेष धरकर, नंदी पे चढ़कर। तर्ज – ये माना मेरी जा। दोहा – देखो देखो ये बाराती, ये बारातियों का हाल, बैल …
जोगी भेष धरकर, नंदी पे चढ़कर। तर्ज – ये माना मेरी जा। दोहा – देखो देखो ये बाराती, ये बारातियों का हाल, बैल …