गंगा से गंगाजल भरके काँधे शिव की कावड़ धरके भजन लिरिक्स

गंगा से गंगाजल भरके काँधे शिव की कावड़ धरके भजन लिरिक्स

गंगा से गंगाजल भरके, काँधे शिव की कावड़ धरके, भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो, भोले के दर चलो लेके कावड़ चलो।। …

पूरा भजन देखें

error: कृपया प्ले स्टोर से भजन डायरी एप्प इंस्टाल करे