खेती खेड़ो रे हरिनाम की जामे मुकतो है लाभ

खेती खेड़ो रे हरिनाम की जामे मुकतो है लाभ

खेती खेड़ो रे हरिनाम की, जामे मुकतो है लाभ।। पाप का पालवा कटावजो, काठी बाहर राल, कर्म की फाँस एचावजो, खेती निरमळ हुई …

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