मैं घर बना रहा हूँ किसी और के लिए भजन लिरिक्स
मैं घर बना रहा हूँ, किसी और के लिए। दोहा – पैर की आहत पाज़ेबों की, झनकारे सुन लेती है, धीरे बोलो राज़ …
मैं घर बना रहा हूँ, किसी और के लिए। दोहा – पैर की आहत पाज़ेबों की, झनकारे सुन लेती है, धीरे बोलो राज़ …