Tag: काया तो थारी काची रे घडी

प्रकाश माली भजनराजस्थानी भजन

माटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार भजन लिरिक्स

माटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार, दोहा- जेसे चुड़ी काच थी, वेसी नर की देह, जतन करीमा सु जावसी, हर […]

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