माटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार भजन लिरिक्स
माटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार, दोहा- जेसे चुड़ी काच थी, वेसी नर की देह, जतन करीमा सु जावसी, हर […]
माटी केडो मटको घड़ियों रे कुम्भार, दोहा- जेसे चुड़ी काच थी, वेसी नर की देह, जतन करीमा सु जावसी, हर […]