मैं हूँ नहीं तेरे प्यार के काबिल चित्र विचित्र जी भजन लिरिक्स
मैं हूँ नहीं तेरे प्यार के काबिल, हो तेरे प्यार के काबिल, गुनाहगार हूँ,खतावार हूँ, मैं हूँ नही तेरे प्यार के काबिल।। अवगुन …
मैं हूँ नहीं तेरे प्यार के काबिल, हो तेरे प्यार के काबिल, गुनाहगार हूँ,खतावार हूँ, मैं हूँ नही तेरे प्यार के काबिल।। अवगुन …
तेरे मन में राम, तन में राम। दोहा – राम नाम की लूट है, लूट सके तो लूट, अंत काल पछतायेगा, जब प्राण …