प्रभु राम भक्ति म लीन,
परम तपस्वी,
सियाराम बाबा हनुमान,
जसा तेजस्वी।।
लियो जनम गढ़ गुजरात,
न काठियावाड़,
बाबा रमता फिरता आई गया,
अपना निमाड़,
धन-धन्य हो सतगुरु देव,
बड़ा ओजस्वी,
बड़ा ओजस्वी।।
सदा दर्शन दे मुद्दाम,
नर्मदा माय,
बारह साल तपस्या,
बाबा की खड़ा पाय,
ऋषि मुनि साधु नम,
संत यशस्वी,
संत यशस्वी।।
मुट्ठी म आशीर्वाद,
प्रसाद भरता था,
बाबा ठुमुक ठुमुक तट प,
चल्या करता था,
हुयो नाम अमर उज्जवल,
सदी इक्कीसवीं,
सदी इक्कीसवीं।।
दस रुपया को लइन दान,
करोड़ों म दिया,
कय सुभाष सादो सरल,
जीवन उ जिया,
गुरु ज्ञान का चारई थान,
पल म जाय पसवी,
पल म जाय पसवी।।
प्रभु राम भक्ति म लीन,
परम तपस्वी,
सियाराम बाबा हनुमान,
जसा तेजस्वी।।
गायक – पं.बादल जोशी।
लेखक – सुभाष यादव टेमा।
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