शिव सा दयालु,
सारे जगत में,
ना पहले था कोई,
ना अब है ना होगा,
भक्तो पे अपने,
दया करने वाले,
ना पहले था कोई,
ना अब है ना होगा।।
अमृत के पीछे,
देव दानव पड़े थे,
जहर की खातिर,
कोई ना खड़े थे,
जगत हित के खातिर,
जहर पीने वाले,
ना पहले था कोई,
ना अब है ना होगा।।
किया तप जो भस्मा,
तो वरदान पाया,
वरदान पाके,
वो ऐसा बौराया,
ऐसा दयालु जो,
दिया वर लिया ना,
ना पहले था कोई,
ना अब है ना होगा।।
शिव सा दयालु,
सारे जगत में,
ना पहले था कोई,
ना अब है ना होगा,
भक्तो पे अपने,
दया करने वाले,
ना पहले था कोई,
ना अब है ना होगा।।
Singer – Dhiraj Kant