बजरंग वचन बोले रावण तू अभिमानी है
बजरंग वचन बोले, रावण तू अभिमानी है, सिया मात चुराने की, बड़ी की नादानी है।। तर्ज - ना स्वर है ...
Read moreDetailsबजरंग वचन बोले, रावण तू अभिमानी है, सिया मात चुराने की, बड़ी की नादानी है।। तर्ज - ना स्वर है ...
Read moreDetailsआजा मेरे साँवरे, सुण ले करुण पुकार, आकर बांह पकड़लो बाबा, मैं भी गया हूँ हार।। तर्ज - देता हरदम ...
Read moreDetailsमारा सेठ जी रो नाम, गोपाल जी रे, वा वा रे नन्द जी रा, लाल जी रे, मारा कानुडा रो ...
Read moreDetailsॐ जय गुरु बालकनाथ, बाबा जय श्री बालकनाथ, आरती उतारे मिलकर, भाव भक्ति के साथ, ॐ जय गुरु बालकनाथ।। तर्ज ...
Read moreDetailsजब जब मेरे दरवाजे पर, दस्तक दी है दुखों ने, श्याम ने देखा एक नजर और, श्याम ने देखा एक ...
Read moreDetailsमैया एक बार आ जाओ, दया मुझ पर दिखाने को, मेरी बिगड़ी बनाने को, मेरी बिगड़ी बनाने को, मुझ पर ...
Read moreDetailsकान्हा ना सता, अब और ना सता, आजा आजा तू, पास आ भी जा, मेरे लाल आ भी जा।। मुखड़ा ...
Read moreDetailsहार के दर तेरे आया, अब बाबा बढाओ हाथ, दुनिया से ठोकर खाई, अब चाहूँ तेरा साथ।। तर्ज - सावन ...
Read moreDetailsबाबोसा गुणगान तेरे, हम करते रहे, जब तक सांस चले हो हो, जब तक सांसे चले, दर पे आते रहे, ...
Read moreDetailsचालो म्हारी सुरता, गिगन मण्डल में, रैन दिवस लीव लाई रे।। सोहनी शिखर में चमके बिजली, गिगन घटा झुक आई ...
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