नाम प्रभु का जप ले बन्दे,
कलयुग नाम अधारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा।।
तर्ज – मेरे नैना सावन भादो।
नाम के बल पर ही,
कितने पार गये,
भक्तों के ज़िद्द पे,
भगवन भी हार गये,
जिसने जाना नाम की महिमा,
जीवन सफल बनाया,
नाम हरि गुण गाया,
हर साँसों में प्रभु को भजले,
नाम है प्यारा प्यारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा।।
संकट जब आता,
प्रभु को ध्याता है,
बिरथा समय बिता,
क्यों पछताता है,
कुछ तो बीता कुछ है बाकी,
मानव जनम गँवाये,
क्यों प्रभु को बिसराये,
चौरासी का कट जाएगा,
आवागमन तुम्हारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा।।
दौलत माल खजाना,
सब रह जायेगा,
जितना जतन करे,
जा नहीं पायेगा,
जितना पुण्य किया है तूने,
वो ही साथ निभाये,
बाकी सब रह जाये,
“परशुराम” कर भजन प्रभु का,
केवल नाम सहारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा।।
नाम प्रभु का जप ले बन्दे,
कलयुग नाम अधारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा,
प्यारे नाम ही तारनहारा।।
स्वर / रचना – श्री परशुराम जी उपाध्याय।








