म्हारो सांचो धणी रे हनुमान,
सुमरा बाबा बजरंग ने,
महारो घड़ी रे घड़ी गो रिछपाल,
सुमरा बाबा बजरंग ने।।
लाल लगोटा हद बणया रे,
पुंछ बणया मजबुत,
अंजनी गा थे कंवर लांडला,
राम चन्द्र का दूत,
सुमरा बाबा बजरंग ने।।
आठ-घाट जती लक्षमण रोकया,
ओ घट मेरे राम,
दस दरवाजा अंगद रोकया,
बिच मे लड़े हुनुमान,
सुमरा बाबा बजरंग ने।।
लंका बिच घंमा-घंम माची,
गरद चढ़ी असमान,
हनुमान गा होया हलकारा,
लक्ष्मण गा चालया शक्ति बाण,
सुमरा बाबा बजरंग ने।।
गंऊ माता दुधो देव,
चावल दे भगवान,
सिता-माता करे रसोई,
भोग लगाव हनुमान,
सुमरा बाबा बजरंग ने।।
लंका जित राम घर आये,
घर-घर मंगला चार,
मात कोसलया करे आरती,
तुलसी दास जस गाये,
सुमरा बाबा बजरंग ने।।
म्हारो सांचो धणी रे हनुमान,
सुमरा बाबा बजरंग ने,
महारो घड़ी रे घड़ी गो रिछपाल,
सुमरा बाबा बजरंग ने।।
गायक – बसंतीलाल कुमावत।
प्रेषक – सुभाष चन्द्र।
9872148761