म्हारे घर आए जम्भ भगवान,
सोने रो सूरज उगियो।।
सोहन कलश गंगा जल भरियो,
सखियाँ मंगल गाय जी,
धूप दीप ले करो आरती,
केसर रो तिलक लगाय,
सोने रो सूरज उगियो,
म्हारे घर आए श्रीभगवान,
सोने रो सूरज उगियो।।
ढोल नगाड़ा नोबत बाजे,
झाँलर री झंकार जी,
ढोलक पेटी झींझा बाजे,
गुरुजी ने लेंवा बधाय,
सोने रो सूरज उगियो,
म्हारे घर आए श्रीभगवान,
सोने रो सूरज उगियो।।
अंतर्यमी आया आँगने,
बैठा आसान लगाय जी,
नर नारी और टाबर सगला,
प्रेम रा पुष्प चढ़ाय,
सोने रो सूरज उगियो,
म्हारे घर आए श्रीभगवान,
सोने रो सूरज उगियो।।
हरी गुण गांवा चँवर ढुलावा,
लुल- लुल लागां पाय जी,
छोगाराम शरण सतगुरू जी री,
गुरुजी ने लेवां बधाय,
सोने रो सूरज उगियो,
म्हारे घर आए श्रीभगवान,
सोने रो सूरज उगियो।।
म्हारे घर आए जम्भ भगवान,
सोने रो सूरज उगियो।।
स्वर – स्वामी सच्चिदानंद जी।
प्रेषक – सुभाष सारस्वा काकड़ा।
9024909170