मेरा जाग्या पुरबला भाग,
राम घर आया,
भई मन में खुशी अपार,
मन हुलसाया।।
शुषोभित धनूष कमाण,
हाथ धराया,
रवि किरण बदन अनूप,
तेज छिटकाया,
मेरा जाग्या पुर्बला भाग,
राम घर आया।।
मै अधम जात हूं नार,
अधम है काया,
मैरे धरे कुटिया में पांव,
अजब थारी माया,
मेरा जाग्या पुर्बला भाग,
राम घर आया।।
वन फल भरा चंगेर,
हाथ धराया,
प्रभू रुच रुच कर श्री राम,
भोग लगाया,
मेरा जाग्या पुर्बला भाग,
राम घर आया।।
भक्ति भाव रसपूर,
बेरों में पाया,
आनन्द मगन हो चूर,
प्रभू ने फ़रमाया,
मेरा जाग्या पुर्बला भाग,
राम घर आया।।
नवदा भक्ति का श्रोत,
तुझ में झलकाया,
बलवन्त गुरु बण राम,
सब समझाया
मेरा जाग्या पुर्बला भाग,
राम घर आया।।
मेरा जाग्या पुरबला भाग,
राम घर आया,
भई मन में खुशी अपार,
मन हुलसाया।।
गायक – समुन्द्र चेलासरी।
मो. – 8107115329
लेखक – बलवन्त राम लौट चेलासरी।