लाज बचाने आजा साँवरा,
लाज बचाने आजा साँवरा,
सुनले ओ दिलदार सांवरा,
सुनले ओ दिलदार साँवरा।।
चिंतन होता मेरे मन में,
हरदम तेरी याद सताती,
जब भी तेरा नाम पुकारू,
आँखे मेरी है भर आती,
कोई न समझा कोई न जाना,
तू समझे मेरी पीड़ा,
सुनले ओ दिलदार साँवरा।।
जग के सारे बंधन झूठे,
आज पड़े तो कल को छूटे,
सिर्फ़ तूने समेटा हमको,
वरना हम तो पड़े थे टूटे,
तू ही बंधु है तू ही सखा है,
तू मेरा बस अपना,
सुनले ओ दिलदार साँवरा।।
रो रो कर मैं तुझे पुकारू,
चीख मेरी दिल को चीरे,
मुझको सब कुछ तूने दिया है,
क्यों देखूँ मैं अपनी लकीरे,
कहाँ तुम गुम है कहाँ छिपा है,
कहाँ हो मेरे दाता,
सुनले ओ दिलदार साँवरा।।
लाज बचाने आजा साँवरा,
लाज बचाने आजा साँवरा,
सुनले ओ दिलदार सांवरा,
सुनले ओ दिलदार साँवरा।।
गायक – जयंत व्यास।
8777745310