किस बात की चिंता है,
किस बात का रोना है,
कोई रोक नहीं सकता,
कोई रोक नहीं सकता,
होगा जो होना है।।
ओढ़ने को नहीं चादर,
सोने को नहीं बिस्तर,
आकाश की चादर है,
धरती का बिछौना है,
कोई रोक नहीं सकता,
कोई रोक नहीं सकता,
होगा जो होना है।।
क्यों माया में फुला,
क्यों बातों में भुला ,
मिल जाएगा माटी में,
माटी का खिलौना है,
कोई रोक नहीं सकता,
कोई रोक नहीं सकता,
होगा जो होना है।।
कोई खोता कोई पाता,
कोई हंसता कोई रोता,
ये उसका करिश्मा है,
ना जादू ना टोना है,
कोई रोक नहीं सकता,
कोई रोक नहीं सकता,
होगा जो होना है।।
किस बात की चिंता है,
किस बात का रोना है,
कोई रोक नहीं सकता,
कोई रोक नहीं सकता,
होगा जो होना है।।
गायक – हल्केराम जी कुशवाह।
प्रेषक – रोहित परमार (सलकन खेड़ी)।
9399761053








nice bhajan