जिसमै जिसकी आत्मा,
वो है सै परमातमा,
बाबा गुरु गोरख,
शिव अवतारी बाबा,
बाबा तू मेरा परमात्मा।।
तर्ज – कागज कलम दवात।
आस मेरी विशवास मेरा,
तू मालिक म दास तेरा,
कण म ह वाश तेरा,
बाबा गुरु गोरख,
शिव अवतारी बाबा,
बाबा तू मेरा परमात्मा।।
सूईं मै हो ज्यूं धागा,
मन तेरे म न्यू लाग्या,
देव मनै तू एक पाग्या,
बाबा गुरु गोरख,
शिव अवतारी बाबा,
बाबा तू मेरा परमात्मा।।
धन्य है मेरा भाग घणा,
शेवक अपणा लिया बणा,
तू दानी दयावान घणा,
बाबा गुरु गोरख,
शिव अवतारी बाबा,
बाबा तू मेरा परमात्मा।।
गुरु नफे नाथ के साथ बिना,
विनोद नाथ कुछ भी कोन्या,
कहै गजेन्द्र होवै कोन्या,
बाबा गुरु गोरख,
शिव अवतारी बाबा,
बाबा तू मेरा परमात्मा।।
जिसमै जिसकी आत्मा,
वो है सै परमातमा,
बाबा गुरु गोरख,
शिव अवतारी बाबा,
बाबा तू मेरा परमात्मा।।
लेखक – गजेन्द्र स्वामी कुड़लण।
9996800660
गायक – लक्की शर्मा पिचौलिया।
9034283904