जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
गुरु भगता रा मन हरखायो,
वंदन हो सुरीराज ने,
वंदन हो गुरुराज ने,
म्हारा गुरु महाराज ने,
आयो आयो आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
जिन मनोज्ञसूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो।।
माँ देमी रा दुलारा,
प्रताप सागर जी रा नंदन,
नन्दनी खुंन्दनी में जनमिया,
धन्य धरा वो मन भावन,
मिश्रीमल कह सगळा पुकारे,
छाजेड़ कुल दीपायो,
आयो आयो आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
जिन मनोज्ञसूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो।।
युवावय में वैराग्य हुयो,
पूज्य पिताजी रे सँग में,
जिन कांतिसुरी गुरुदेव मलिया,
रंगिया संयम रँग में,
खरतरगच्छ में दीक्षा लेकर,
मुनि मनोज्ञ नाम है पायो,
आयो आयो आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
जिन मनोज्ञसूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो।।
तीजे पद पर शोभित होकर,
कहलाया सुरीराज,
जैन अजैन सभी भक्तो को,
गुरू पे है बड़ा नाज,
जिनशासन की करके प्रभावना,
गच्छ को नाम बढ़ायो,
आयो आयो आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
जिन मनोज्ञसूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो।।
निर्विघ्नं ये पूर्ण हुवे,
संयम के बावन बर्ष,
त्रेपन वर्ष में मंगल प्रवेश,
हुआ है सबको हर्ष,
“दिलबर” दे रहा है बधाई,
और पुरी ने झुम के गायों,
आयो आयो आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
जिन मनोज्ञसूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो।।
जिन मनोज्ञ सूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
गुरु भगता रा मन हरखायो,
वंदन हो सुरीराज ने,
वंदन हो गुरुराज ने,
म्हारा गुरु महाराज ने,
आयो आयो आयो,
शुभ दिन आँगणिये आयो,
जिन मनोज्ञसूरी गुरुराज रो,
दीक्षा दिवस है आयो।।
गायिका – शकुन्तला जैन (पूरी)
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
मो. 9907023365








