हाथ जोड़ कर आप सभी से,
करते है फरियाद,
बिल्कुल भी झूठा ना छोड़ना,
ये है महाप्रसाद,
लो उतना ही थाली में,
व्यर्थ ना जाए नाली में।।
तर्ज – स्वर्ग से सुंदर।
हे अनपुरणा माता,
तेरा शुक्रिया है,
भर पेट खाने हमको,
बहुत कुछ दिया है,
सब मिलकर संकल्प करें की,
ना हो ये बर्बाद,
बिल्कुल भी झूठा ना छोड़ना,
ये है महाप्रसाद,
लो उतना ही थाली में,
व्यर्थ ना जाए नाली में।।
ये वो प्रसाद है जिसको,
दुनिया तरसती,
उनको ही मिलता जिनपे,
किरपा बरसती,
ये नही मिलता जिनको उन्हें भी,
करलो थोड़ा याद,
बिल्कुल भी झूठा ना छोड़ना,
ये है महाप्रसाद,
लो उतना ही थाली में,
व्यर्थ ना जाए नाली में।।
जी भरके आप खावो,
सबको खिलावो,
और फिर बचे तो,
जरूरतमंद को पहुंचावो,
‘अम्बरीष’ अनपुरणा की कृपा से,
होता घर आबाद,
बिल्कुल भी झूठा ना छोड़ना,
ये है महाप्रसाद,
लो उतना ही थाली में,
व्यर्थ ना जाए नाली में।।
हाथ जोड़ कर आप सभी से,
करते है फरियाद,
बिल्कुल भी झूठा ना छोड़ना,
ये है महाप्रसाद,
लो उतना ही थाली में,
व्यर्थ ना जाए नाली में।।
Lyrics & Singer – Ambrish Kumar Mumbai
9327754497








