हार गया हूँ मैं बाबोसा,
रही न मुझमे हिम्मत है,
आकर मेरा हाथ पकड़लो,
मुझको तेरी जरूरत है।।
तर्ज – कसमें वादे प्यार वफ़ा।
जैसे बदलता है ये मौसम,
वैसे ही लोग बदलते है,
अपने ही अपनो के सुख से,
मन ही मन में जलते है,
ऐसी दो रँगी दुनिया से,
होने लगी मुझे नफरत है,
हार गया हूं मै बाबोसा,
रही न मुझमे हिम्मत है।।
मेरे दिल की तू सब जाने,
तुझसे अब क्या छिपाऊँ मैं,
सुख की नदियाँ सुख चुकी है,
गम को कैसे भुलाऊँ मैं,
धन वैभव ना सुख चैन ना मांगु,
मांगु तेरी रहमत मैं,
हार गया हूं मै बाबोसा,
रही न मुझमे हिम्मत है।।
क्या लेना मुझे इस दुनिया से,
जब तू मेरे साथ में है,
बिगड़ी बनाना बाबोसा अब,
तेरे ही तो हाथ में है,
दिलबर तुमसे बढ़कर मेरी,
और न कोई दौलत है,
हार गया हूं मै बाबोसा,
रही न मुझमे हिम्मत है।।
हार गया हूँ मैं बाबोसा,
रही न मुझमे हिम्मत है,
आकर मेरा हाथ पकड़लो,
मुझको तेरी जरूरत है।।
गायक – दिव्यांश वर्मा मुम्बई।
रचनाकार – दिलीप सिंह सिसोदिया ‘दिलबर’
नागदा जक्शन म.प्र.
मो. 9907023365
प्रेषक – श्री हर्ष व्यास मुम्बई।
(म्यूजिक डायरेक्टर एवम कंपोजर)
मो . 9820947184








