तारा वाली चूंदड़ी,
मां नाक में बाली,
पाखंड में बिराजे,
मारी चामुंडा रखवाली,
अरे मैं भी दर्शन आयो मय्या,
ले काली गाड़ी,
घर वाली दिलाजो मैया,
आगली सीट खाली।।
ए जी कुंवारा री अर्जी सुनजो,
सुनजो मय्या मारी,
सब छोरा का व्याव कराया,
अबके बारी मारी,
अरे सासु जी ससुरा जी बनाओ,
बनाओ मारे साली,
घरवाली दिलाजो मय्या,
आगली सीट खाली।।
ए जी पाखंडनगरी आप बिराज्या,
मोटी घणी है माया,
ऊंचे आसन आप बिराजो,
लिमबड़ला री छाया,
अरे पूजा करवा आवा मय्या,
ले हाथा थाली,
घरवाली दिलाजो मय्या,
आगली सीट खाली।।
ए जी नवराता में जागण जागे,
ज्योत जले अखंड,
राजसमंद में आप बिराजो,
लोकेशन पाखंड,
अरे थारा मय्या भजन सुनावा,
बजावा हरदम ताली,
घरवाली दिलाजो मय्या,
आगली सीट खाली।।
ए जी लिखने थारो भजन सुनाऊं,
हरीश मारो नाम,
थोड़ी कृपा करजो मय्या,
घुरमाली वालों काम,
वीरसा की आस पूराई,
दिलादी काली गाड़ी,
मन्ने भी घरवाली दिलाजो,
आगली सीट खाली।।
तारा वाली चूंदड़ी,
मां नाक में बाली,
पाखंड में बिराजे,
मारी चामुंडा रखवाली,
अरे मैं भी दर्शन आयो मय्या,
ले काली गाड़ी,
घर वाली दिलाजो मैया,
आगली सीट खाली।।
गायक – हरीश सुथार।
9537254958








