दाता नहीं श्री राम के जैसा
दाता नहीं श्री राम के जैसा, सेवक नहीं हनुमान के जैसा।। तर्ज - पलकों का घर। आँख उठाकर देखा जग...
Read moreDetailsदाता नहीं श्री राम के जैसा, सेवक नहीं हनुमान के जैसा।। तर्ज - पलकों का घर। आँख उठाकर देखा जग...
Read moreDetailsखेले राम लला रघुराई, दशरथ जी के अंगना में, दशरथ जी के अंगना में, झूले चंदन पलना में, खेलें रामलला...
Read moreDetailsमेरे हृदय में बसने वाले, भगवान के लिए, एक बार तो हाथ उठा लो, प्रभु श्री राम के लिए।। तर्ज...
Read moreDetailsलल्ला की बांटो रे बधाई, अवध में श्री राम आये है, राम आये राम आये राम आये है, लल्ला की...
Read moreDetailsमुझे भी बुला ले, रामा अवध नगरिया, मेरा तरसे है मन, नाचूं हो के मगन, मेरे रघुनंदन, तेरी शरण, मुझें...
Read moreDetailsपता नहीं किस रूप में आकर, नारायण मिल जाएगा, निर्मल मन के दर्पण में वह, राम का दर्शन पाएगा, राम...
Read moreDetailsअवधपुरी में राम पधारे, अवधपुरी में राम पधारे, बदल गया परिवेश, राम मय हो गया पूरा देश, राममय हों गया...
Read moreDetailsराम राज्य आया रे देखो, दोहा - तीन लोक नवखंड अवध को, करते झुक झुक वंदन, आ गए लौट के...
Read moreDetailsबन गया है अवध में राम दरबार, आ गया है, पल जिसका था इन्तजार, इंतजार, आ गया है, पल जिसका...
Read moreDetailsकुछ बेर चुनो नेकी के, अपने काम आएंगे, कभी तो अपनी कुटिया में भी, राम आएंगे।bd। तर्ज - दिल दिवाने...
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